दिल्ली सरकार और उपराज्पाल के बीच चल रहा विवाद अब नया रूप लेता दिखाई दे रहा है. दरअसल, अब उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन व प्रक्रियागत खामियों को लेकर इसकी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच कराए जाने की सिफारिश की है. वहीं इस पूरे मामले पर बीजेपी और आप नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं.
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दिल्ली सरकार की आबकारी नीति पर बीजेपी ने सवाल खड़े किये हैं. बीजेपी ने कहा सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने दोस्तों को आबकारी नीति के तहत ठेका दिलाकर मोटा फायदा पहुंचा है. बीजेपी नेता मजिंदर सिंह सिरसा ने एनडीटीवी से कहा कि सीएम केजरीवाल ने अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा किया है. टेंडर देने वाली कमेटी में खुद को शामिल नहीं किया क्योंकि अगर कभी इस पर जांच हो तो वह सीधे तौर पर न फंसे. इसके जवाब में आप आदमी पार्टी के प्रवक्ता सोरभ भारद्वाज ने पार्टी का बचाव करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने अन्य राज्यों की तरह आबकारी नीति के तहत ही लोगों को ठेका दिया है. इसी तरह मध्य प्रदेश, राजस्थान पंजाब और अन्य राज्यों में दिए जाते हैं.
बीजेपी नेता मजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि नियमों में गड़हड़ी की गई है. कई लोग ऐसे हैं , जिनके पास शराब की 6 फैक्ट्रियां हैं और उनको ठेका दे दिया गया है. यह नियम के अनुसार सही नहीं है. एक कंपनी शराब बना भी रही है और बेंच भी रही है. यह आबकारी नियमों के विरुद्ध है.
इस पर आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर मैंने किसी अपने दोस्त को ठेका दिया तो पहले अगर कोई 100 करोड़ देता था तो वह कम पैसे देगा. लेकिन जिन लोगों को ठेका दिया है, वो सरकार को ज्यादा पैसा दे रहे हैं. ऐसे में यह भष्टाचार कैसे हो गया. उन्होंने कहा कि सरकार केजरीवाल सरकार को बदनाम करने के लिए यह कदम उठा रही है. हालांकि इसकी लड़ाई हमें कोर्ट में लड़नी होगी. उन्होंने कहा कि हम देश के अंदर बड़ी ताकत से लड़ रहे हैं इसलिए हमें ऐसी कुर्बानी देनी पड़ रही है.
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