
नीदरलैंड में जल्द ही “वर्क फ्रॉम होम” का कानूनी अधिकार होगा.
नीदरलैंड जल्द ही अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का कानूनी अधिकार देगा. पिछले हफ्ते डच संसद के निचले सदन ने इस संबंध में कानून पारित किया था. अब इसे सीनेट से पास करवाना होगा. मौजूदा समय में, नीदरलैंड में नियोक्ता बिना कोई कारण बताए श्रमिकों के घर से काम करने के किसी भी अनुरोध को अस्वीकार कर सकते हैं. पर नए कानून के तहत, नियोक्ताओं को ऐसे सभी अनुरोधों पर विचार करना होगा और उन्हें अस्वीकार करने के लिए पर्याप्त कारण देना चाहिए.
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वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रोएनलिंक्स पार्टी की सेना माटौग ने कहा, “यह उन्हें काम और जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने का अवसर देता है, साथ ही आने-जाने में लगने वाले समय को कम करने की अनुमति देता है.” सेना माटौग बिल के लेखकों में से एक हैं.
नया बिल नीदरलैंड्स फ्लेक्सिबल वर्किंग एक्ट 2015 में एक संशोधन है, जो श्रमिकों को अपने काम के घंटे, शेड्यूल और यहां तक कि काम के स्थान में बदलाव का अनुरोध करने की अनुमति देता है. नीदरलैंड पहले से ही अपने कर्मचारियों के अधिकारों के लिए जाना जाता है.
नया कानून ऐसे समय में आया है जब दुनिया भर की कंपनियां कर्मचारियों को दफ्तर में वापस लाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. जहां कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को वापस लाने में ढील दे रही हैं, वहीं सेल्सफोर्स जैसी अन्य कंपनियों ने ज्यादातर ऑफिस में काम करना पूरी तरह से बंद कर दिया है.
टेस्ला जैसी कुछ कम्पनियों ने कर्मचारियों को दफ्तर लौटने के लिए मजबूर किया है. टेस्ला के संस्थापक और सीईओ एलोन मस्क ने कर्मचारियों को चेतावनी दी थी कि वे या तो कार्यस्थल पर लौट सकते हैं या कंपनी छोड़ सकते हैं.
डच कम्पनियों के लिए नया कानून उतना विवादास्पद नहीं होगा. यूरोस्टैट के अनुसार, महामारी से दो साल पहले से ही 14 प्रतिशत वर्कफोर्स वर्क फ्रॉम होम से काम कर रहे हैं. इसलिए नीदरलैंड में वर्क फ्रॉम होम की स्वीकृति काफी अधिक है.