Thursday, June 8, 2023

ProShares Launches Futures ETF To Bet Against Bitcoin Increase


ProShares ने लॉन्च किया Bitcoin के प्राइस में कमी पर दांव लगाने वाला ETF

अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस को ट्रैक करने वाले बिटकॉइन ETF लोकप्रिय हो रहे हैं

खास बातें

  • शॉर्ट सेलिंग में किसी एसेट की वैल्यू में गिरावट पर दांव लगाया जाता है
  • इनवेस्टर्स एक ETF खरीदकर बिटकॉइन में शॉर्ट पोजिशन ले सकते हैं
  • पिछले कुछ महीनों से बिटकॉइन में गिरावट आ रही है

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) से जुड़ी ProShares ने शॉर्ट Bitcoin स्ट्रैटेजी ETF लॉन्च किया है. इससे इनवेस्टर्स को बिटकॉइन के प्राइस में गिरावट से प्रॉफिट कमाने या क्रिप्टो में अपने इनवेस्टमेंट को हेज करने का मौका मिलेगा. ट्रेडिंग की एक स्ट्रैटेजी शॉर्ट सेलिंग में किसी एसेट की वैल्यू में गिरावट पर दांव लगाया जाता है. 

ProShares के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर Michael Sapir ने एक स्टेटमेंट में कहा, “हाल के महीनों में यह पता चला है कि बिटकॉइन की वैल्यू घट सकती है. यह ETF ऐसे इनवेस्टर्स के लिए है जो मानते हैं कि बिटकॉइन के प्राइस में गिरावट आएगी और उन्हें इससे प्रॉफिट कमाने या अपनी क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग को हेज करने का मौका मिलेगा.” उन्होंने बताया कि इनवेस्टर्स ब्रोकरेज एकाउंट में एक ETF खरीदकर बिटकॉइन में शॉर्ट पोजिशन ले सकते हैं. अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस को ट्रैक करने वाले बिटकॉइन ETF लोकप्रिय हो रहे हैं क्योंकि मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की ओर से स्पॉट बिटकॉइन ETF के लिए अनुमति देने में देरी हुई है. 

पिछले वर्ष SEC ने पहले बिटकॉइन फ्यूचर्स ETF की अनुमति दी थी. इसे ProShares ने लॉन्च किया था. इससे इंस्टीट्यूशनल और रिटेल इनवेस्टर्स को तकनीकी जटिलताओं या कानूनी रुकावटों का सामना किए बिना बिटकॉइन का एक्सेस मिला था. ProShares का शॉर्ट बिटकॉइन ETF इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स को मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से इस सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में रुकावटों के बिना ट्रेडिंग करने का मौका देगा. 

पिछले कुछ महीनों से बिटकॉइन के प्राइस में गिरावट आ रही है. पिछले सप्ताह यह लगभग छह महीने में पहली बार 20,000 डॉलर से नीचे गया था. यह लगभग 17,000 डॉलर तक गिरा था. हालांकि, इसके बाद से बिटकॉइन के प्राइस में कुछ रिकवरी हुई है और यह लगभग 21,000 डॉलर से कुछ अधिक पर है. अमेरिका में फेडरल रिजर्व ने इन्फ्लेशन पर नियंत्रण करने के लिए इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी की है. इसका क्रिप्टो मार्केट पर बड़ा असर पड़ा है. इनवेस्टर्स अधिक रिस्क वाले इस सेगमेंट से दूरी बना रहे हैं. इस सेगमेंट से जुड़ी कुछ फर्मों की वित्तीय स्थिति कमजोर होने से भी मार्केट में गिरावट आई है. कई देशों में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर स्क्रूटनी बढ़ाई जा रही है. कुछ देशों में क्रिप्टो सेगमेंट के लिए कानून बनाने पर काम हो रहा है. 

 

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